कभी साथ बैठो तो
बताऊ की क्या हालात है मेरे
अब आप दूर से पूछोगे तो बढ़िया ही कहूंगा
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आज बरसो बाद मिली तो गले लगा कर खूब रोई
वो कभी जिसने कहा था तेरे जैसे हजारों मिलेंगे
कोई कितना भी हिम्मत वाला क्यों ना हो,
कभी ना कभी कोई रुला ही देता है।
बदलना आता नहीं हमें मौसम की तरह,
हर एक वक़्त में आपका इंतज़ार करते हैं,
ना तुम समझ सकोगे जिसे क़यामत तक,
कसम आपकी आपको इतना प्यार करते हैं।
अब मरते नहीं तो क्या करते
गले लगाकर धीरे से बोली अगले जन्म में मैं तेरी
कभी अच्छा हूँ कभी बुरा हूँ
इंसान हूँ, थोड़ी ही खुदा हूँ
रंग सारे सज जाते है इन पर
ये सवाली लड़किया बड़ी दिलकश होती है
गुस्से में जो छोड़ गए वो वापस आ सकता है,
मुस्करा कर छोड़ जाने वाले कभी वापस नहीं आते है
बूँद-बूँद की तलाश में समुंदर में कूद गया
जिस पानी की तलाश थी
उसी में डूब गया
ख्वाहिशें तो आज भी बगावत करना चाहती है,
मगर सीख लिया है मैंने हर बात को सीने में दफ़न करना
मोहब्बत करनी है तो खुदा से करो
मिट्टी के खिलौने से कभी वफ़ा नहीं मिलती है
बेवजह अच्छे बनिए साहब
वजह से हज़ारो अच्छे बने फिरते है
चिट्टी तो आती है अब भी उसकी,
लेकिन डाकिया कहता अब पता तेरा नहीं है
सलवार सूट, झुमके माथे पे बिंदी पसंद है,
हाँ मुझे अंग्रेजी से ज्यादा हिंदी पसंद है
आज बरसो बाद मिली तो गले लगा कर खूब रोई
वो कभी जिसने कहा था तेरे जैसे हजारों मिलेंगे
कोई कितना भी हिम्मत वाला क्यों ना हो,
कभी ना कभी कोई रुला ही देता है।