Mehndi Shayari: मेहंदी के गहरे रंगों में छुपी है एक ख़ूबसूरत कहानी। ये वो कहानी है जो हर दुल्हन की उम्मीदों और सपनों को बयां करती है। जब दुल्हन के हाथों पर मेहंदी का गहरा रंग चढ़ता है, तो उसके मन में भविष्य के प्रति आशा और विश्वास जागृत होता है।
कहते हैं कि जिस दुल्हन के हाथों पर मेहंदी का रंग जितना गहरा होता है, उसके पति का प्यार भी उतना ही गहरा और असीम होता है। मेहंदी रिश्तों की गहराई को दर्शाती है। वह इस बात का प्रतीक है कि जैसे मेहंदी में छुपे रंग धीरे-धीरे बाहर आते हैं, वैसे ही प्यार भी समय के साथ मजबूत होता चला जाता है।
इसलिए तो हर दुल्हन चाहती है कि उसके हाथों की मेहंदी का रंग सबसे गहरा और सबसे ख़ूबसूरत हो। ताकि वह अपने भविष्य के जीवनसाथी के प्रति समर्पण और आजीवन स्नेह का संकेत दे सके। मेहंदी हर दुल्हन के लिए उसके सपनों की कहानी का आरम्भ होती है। इसलिए आज हम आपके इए Mehndi Shayari लाये हैं आप इसे जरुर शेयर करे
मैं न लगाऊँगी मेहंदी तेरे नाम की,
कम्बख्त रंग चढ़ कर उतरता ही नही !
“ अगर मुहब्बत उनकी
कमान की न होती,
तो मेरे हाथों की
मेहँदी भी यूँ लाल न होती….!!
“ अपने हाथों की लकीरों
मे मुझको बसाले
ये मुमकिन नहीं तो
मेहंदी मे मुझको रचाले…!!
“ इन हाथों में लिख के मेहँदी
से सजना का नाम
जिसको मैं पढ़ती हूँ सुबह शाम….!!!
“ इश्क़ का मेहँदी जब
दिल पर चढ़ जाता है
तो ख़ुद की नजरों में
इश्क़ का कद बढ़ जाता है….!!
“ इश्क़ के मौत का मैंने मातम मनाया है
उन्होंने अपनी हाथों में आज मेहँदी लगाया है
जमाने के आगे दिल का हाल छुपाये बैठे है
नादान है वो जो मेहंदी में मेरा नाम छुपाये बैठे है…!!!
“ उजली-उजली धूप की रंगत
भी फ़ीकी पड़ जाती है
आसमान के हाथों जब शाम
की मेहंदी रच जाती है…!!!
“ उन आँखों की दो बूंदों से
सातों सागर हारे हैं
जब मेहँदी वाले हाथों ने
मंगल-सूत्र उतारे हैं….!!
“ उनके हाथों पे मेहंदी
का हम ये फायदा हुआ,
के रातभर उनके चेहरे
से जुल्फे हम हटाते रहे…..!!
“ उन्हीं के हाथों की मेहँदी
दिलों को भाती है
जो घर-आँगन में
अपने संग खुशियां लाती है….!!
“ उसकी हाथों की मेहँदी
का रंग बड़ा गहरा है
फिर भी आँखों में
कुछ बूँद आंसू ठहरा है….!!
“ उसे शक है हमारी मुहब्बत पर लेकिन
गौर नहीं करती मेहँदी का रंग
कितना गहरा निखरा हैं….!!
“ किसी और के रंग में रंगने लगे है वो
मेरी दुनिया बेरंग कर
किसी गैर की याद में हँसने लगे है वो…!!
“ किस्मत की लकीरें
भी आज इठलाई है,
तेरे नाम की मेहँदी
जो हाथों अपर रचाई है….!!
“ कुछ और जज्बातो
को बेताब किया उसने
आज मेहंदी वाले हाथो
से आदाब किया उसने….!!
“ कुछ रिश्तें मेहँदी के रंग की तरह होते है
शुरुवात में चटख बाद में
फीके पड़ जाते है….!!
“ कैसे भूल जाऊँ मैं उसको
जो चाहता है इस कदर
हथेली की मेहंदी में लिखा है उसने
मेरा नाम छिपाकर….!!
“ क्या हुआ जो उसने रचा ली मेहंदी,
हम भी अब सेहरा सजाएंगे,
पता है वो मेरे नसीब में नहीं है,
अब उसकी छोटी बहन को पटाएंगे….!!
“ खुदा ही जाने क्यूँ तुम
हाथो पे मेहँदी लगाती हो
बड़ी नासमझ हो फूलों
पर पत्तों के रंग चढ़ाती हो….!!
“ खुदा-ऐ-रेहमत तू मेरा हो जाये
वरना अंजाम मेरा बहुत बुरा होगा
रचाये जो अगर तूने मेहंदी से हाथ अपने
वो मेहंदी नहीं मेरे दिल का खून होगा…!!
“ चुरा के दिल मेरा
मुठ्ठी में छिपाए बैठे है
और बहाना ये है
कि मेहंदी लगाए बैठे है….!!!
“ जमाने के आगे दिल
का हाल छुपाये बैठे है,
नादान है वो जो मेहंदी
में मेरा नाम छुपाये बैठे है….!!
“ ज़ुल्फ बिखेरे उसकी मोहब्बत
मुझे नुमाइश सी लगती है
उसके हाथों पे लगी मेहंदी मुझे
पराई सी लगती है….!!
“ तुम्हारी थी शरारत मेहंदी
से हथेली पे नाम लिखना,
और मुझे रुसवा कर दिया
तुम ने यूंही खेलते खेलते….!!
“ तू हमेशा रहे मेरे साथ में,
जल्दी मेहंदी रचे मेरे हाथ में….!!
“ तूने जो मेहँदी वाले हाथों
में मेरे नाम लिखा है,
तुम कहो या न कहो,
तुम्हारे दिल का प्यार मुझे दिखा है….!!
“ तेरी पायल की छमछम मधुर गीत गाती है
तेरी मुस्कान लूट कर मेरा दिल ले जाती है
रखा जब पाँव शीशे पर हुआ मदहोश आईना
ये तेरे पैरों की मेहंदी मेरे मन को भाती है…!!!
“ तेरे माथे की बिंदिया चमकती रहे
तेरे हाथों की मेहँदी महकती रहे
तेरे जोड़े की रौनक सलामत रहे
तेरी चूड़ी हमेशा खनकती रहे…!!
“ तेरे मेहँदी लगे हाथों
पे मेरा नाम लिखा है
ज़रा से लफ्ज़ में कितना पैगाम लिखा है…!!
“ तेरे हाथो की हिना
देख कर ये आलम है
मैंने कुछ दिन से तो
खाना भी नही खाया है…!!!
“ तेरे हाथों की मेहँदी में मेरे
प्यार का भी रंग है
तू किसी और का हो जा पर
तेरा प्यार मेरे संग है….!!
“ दुल्हन बनकर एक दिन तू जा रही होगी
तेरे हाथों में मेहँदी भी रची होगी
उस दिन तेरी आँखों में मेरे लिए
प्यार तो नही होगा
पर उस दिन के बाद तू भी मेरे
लिए रो रही होगी….!!!
“ दोनों का मिलना मुश्किल है
दोनों हैं मजबूर बहुत उस के पाँव में
मेहंदी लगी है मेरे पाँव में छाले है…!!!
“ पहले तो मोहब्बत की
आजमाईश होगी
बाद में उसके नाम के
मेहँदी की ख़्वाहिश होगी….!!
“ पीपल के पत्तों जैसा मत बनो
जो वक्त आने पर सूख कर गिर जाते है
बनना है तो मेहँदी के पत्तों जैसा बनो….!!
“ पूछे जो कोई मेरी निशानी रंग हिना लिखना
आऊं तो सुबह जाऊ तो मेरा नाम सबा लिखना
बर्फ पड़े तो बर्फ पे मेरा नाम दुआ लिखना…!!
“ पूरी मेहंदी भी लगानी
नहीं आती अब तक
क्यूँ कर आया तुझे
ग़ैरों से लगाना दिल का…!!!
“ भीतर ही भीतर चिल्लाई होगी
हाथों में जब मेहन्दी सजाई होगी
मैंने उजाड़ दी जिन्दगी उसकी
ये बात उसने खुद को समझाई होगी….!!
“ मल रहे हैं वो अपने घर मेहंदी
हम यहाँ एड़ियाँ रगड़ते हैं…!!
“ माना कि सब कुछ पा लुँगा
मैं अपनी जिन्दगी में मगर वो तेरे
मेहँदी लगे हाथ मेरे ना हो सकेंगे….!!
“ मुझे भी फ़ना होना था
तेरे हाथों की मेहँदी की तरह
ये गम नहीं मिट जाने का
तू रंग देख निखरा हूँ किस तरह….!!
“ मेरे प्यार की मेहँदी सजाकर
किसी और का घर बसाने चली है वो
मुझे बर्बाद करके किसी
और को बर्बाद करने चली है वो…!!
“ मेहँदी का रंग चढ़ा ऐसे
मेरे हाथों में जैसे तेरी इश्क़
चढ़ा था मेरी सांसों में….!!
“ मेहँदी के पत्ते जैसा
हो जाना चाहता हूँ,
मिटकर भी खुशियाँ
दे जाना चाहता हूँ….!!
“ मेहँदी जो मिट कर
हाथों पर रंग लाती है
दो दिलों को मिलाकर
कितनी खुशियाँ दे जाती है….!!
“ मेहँदी लगा लो उसके नाम की,
जो मोहब्बत हो आप की….!!
“ मेहँदी वाले हाथ वो
तेरे पायल वाले पांव,
याद बहुत आते हैं
मुझको तू और अपना गाँव….!!
“ मेहँदी है रचने वाली
हाथों में गहरी लाली
कहे सखियाँ हाथों में
अब कालिया खिलने वाली है
तेरे मन को तेरे जीवन को…!!
“ मेहंदी का रंग तो कुछ
दिनों में मिट जाता है
इश्क़ का रंग तो मौत
के साथ ही जाता है….!!
“ मेहंदी के धोके मत रह
ज़ालिम निगाह कर तू
ख़ूँ मेरा दस्त-ओ-पा
से तेरे लिपट रहा है….!!
“ मेहंदी ने ग़ज़ब दोनों
तरफ़ आग लगा दी
तलवों में उधर और
इधर दिल में लगी है….!!
“ मेहंदी रचाई थी
मैने इन हाँथों में,
जाने कब वो मेरी लकीर बन गई…!!
“ मेहंदी लगाए बैठे हैं
कुछ इस अदा से वो,
मुट्ठी में उनकी दे
दे कोई दिल निकाल के….!!
“ मेहरबानी होगी आपकी मुस्कान दिख जाए
चेहरे पर सजे आपके पैगाम दिख जाए
पर्दो में न छिपाओ आंखों का तुम काजल
काश के मेहंदी में तुम्हारी हमारा नाम दिख जाए….!!
“ मेहेंदी का है ये कहना अपने
पिया के संग रहना मेहंदी के
रंग का है ये कहना रंग
छूटे पर पिया का संग ना छूटे….!!
“ मैं तेरे हाथों पर रच
जाऊँगा मेहँदी की तरह
तू मेरा नाम कभी हाथों
पर सजा कर तो देख….!!!
“ मैं न लगाऊँगी मेहंदी तेरे नाम की,
कम्बख्त रंग चढ़
कर उतरता ही नही….!!
“ रातभर बेचारी मेहंदी
पिसती हैं पैरों तले
क्या करू कैसे कहूँ
रात कब कैसे ढले….!!
“ लड़की के हाथों पर जब
मेहँदी रचाई जाती है
तो बहुत सारे रिश्तों
की अहमियत बताई जाती है….!!
“ लब-ए-नाज़ुक के बोसे लूँ
तो मिस्सी मुँह बनाती है
कफ़-ए-पा को अगर चूमूँ
तो मेहंदी रंग लाती है…!!
“ वक्त के साथ मेहंदी
का रंग उतर जाता है
पर चाहत के रंग अपने
दिल से कैसे उतारोगी….!!
“ वह आये महफ़िल मैं मेरे सामने बैठे हैं
अपने हाथों में मेरा दिल दबाये बैठे हैं
हमने उनसे पूछा क्या है तुम्हारे हाथों मैं
मुस्कुरा के बोले जान मेहँदी लगाए बैठे हैं….!!
“ वो अपने मेहंदी वाले हाथ मुझे दिखा कर रोई
अब मैं हुँ किसी और की ये मुझे बता कर रोई
कैसे कर लुँ उसकी मोहब्बत पे शक यारो
वो भरी महफिल में मुझे गले लगा कर रोई….!!
“ वो आए है महफिल में मेरे, सामने बैठे हैं,
अपने हाथों में मेरा दिल, दबाए बैठे हैं,
हमने उनसे पूछा क्या है तुम्हारे हाथो में,
मुस्कुरा के बोले, मेहंदी लगाए बैठे हैं….!!
“ वो जो सर झुका के बैठे हैं
हमारा दिल चुराये बैठे हैं
हमने उनसे कहा हमारा दिल हमे लौटा दो
तो बोले हम तो हाथो में
मेहँदी लगा के बैठे हैं…!!
“ वो मेहंदी के हाथों में क्या
तराशेंगे नाम हमारा
जब नाम ही छुपा लिखा है
उनके हाथों में….!!!
“ शादी के सात फेरों के वक्त
खामोश खड़ा एक शख्स था
दुल्हन की मेहंदी में आज भी
बस उसका ही अक्स था….!!
“ शादी में लगी मेहँदी का रंग
कभी नहीं छूटता है
ऐसे मौके पर ना जाने कितने
आशिकों का दिल टूटता है….!!
“ सु-र्ख़रू होता है इंसाँ ठोकरें
खाने के बाद रंग लाती है
हिना पत्थर पे पिस जाने के बाद….!!
“ हम चाहत के अफसाने लिखते रहे,
वो भी हमे दूर से देखते रहे,
जब हमने इजहार करने को हाथ थामा,
तो मेंहदी से रंगा उनका हाथ पाया….!!
“ हाथों की मेहंदी गालों
पर निखर कर आई हैं
तेरे लबों की लाली ने
यह महफ़िल सजाई हैं…!!
“ होठों पर हंसी न हो
तो हाथों में मेहँदी नहीं लगाई जाती है
इश्क़ किसी और से हो
तो किसी गैर से शादी नहीं रचाई जाती है….!!
अपने हाथों की लकीरों मे मुझको बसाले,
ये मुमकिन नहीं तो मेहंदी में मुझको रचाले !
इन हाथों में लिख के मेहँदी से सजना !!
का नाम जिसको मैं पढ़ती हूँ सुबह शाम !!
इश्क़ का मेहँदी जब दिल पर चढ़ जाता है !!
तो ख़ुद की नजरों में इश्क़ का कद बढ़ जाता है !!
उन आँखों की दो बूंदों से सातों सागर हारे हैं,
जब मेहँदी वाले हाथों ने मंगल-सूत्र उतारे हैं !
उनके हाथों पे मेहंदी का हमको ये फायदा हुआ,
की रातभर उनके चेहरे से जुल्फे हम हटाते रहे !
उसे शक है हमारी मुहब्बत पर लेकिन,
गौर नहीं करती मेहँदी का रंग कितना गहरा निखरा है !
करतूतें तो देखियें मेहंदी की,
तेरा नाम क्या लिखी शर्म से लाल हो गई !
किस्मत की लकीरें भी आज इठलाई है !!
तेरे नाम की मेहँदी जो हाथों पर रचाई है !!
खुदा ही जाने क्यूँ तुम हाथो पे मेहँदी लगाती हो !!
बड़ी नासमझ हो फूलों पर पत्तों के रंग चढ़ाती हो !!
चुरा के दिल मेरा मुठ्ठी में छिपाए बैठे है,
और बहाना ये है कि मेहंदी लगाए बैठे है !
चुरा के ले गई है दिल आशिक का,
वो तो आज कमाल लग रही है।
जो कभी होती थी मेरी जान,
दुल्हन बन कर आज वो बैठी है,
मैंने उसके हाथों में किसी और के,
नाम की मेहंदी आज देखी है !
तुम्हारे हाथों में सजी है मेहंदी ये मेरे नाम की,
उम्र भर साथ चलेंगे हम कसम है अपने प्यार की !
तूने जो मेहंदी वाले हाथों में मेरा नाम लिखा हैं,
तुमकहो या ना कहों तुम्हारे दिल का प्यार मुझे दिखा है !
तेरे मेहँदी लगे हाथों पे मेरा नाम लिखा है,
जरा से लफ्ज में कितना पैगाम लिखा है !!
तेरे मेहंदी लगे हाथों पे मेरा नाम लिखा है,
जरा से लफ्ज में कितना पैगाम लिखा है !
तेरे हाथों की मेहँदी में मेरे प्यार का भी रंग है !!
तू किसी और का हो जा पर तेरा प्यार मेरे संग है !!
तेरे हाथों के मेहंदी का रंग गहरा लाल है,
क्योंकि मेरे इश्क का चाहत बेमिसाल है !
दोस्ती और मेहंदी में फर्क नही होता,
दोनो एक काम कर जाती है।
जिंदगी मैं खुशियों के रंग देती है,
और खुद फना हो जाती है।
नशा चढ़ गया है उसकी चाहत का दिलों जान पर,
मेहंदी का प्यारा लाल रंग सज रहा है मेरे हाथों पर।
पीपल के पत्तों जैसा मत बनो,
जो वक्त आने पर सूख कर गिर जाते है,
बनना है तो मेहँदी के पत्तों जैसा बनो !
पूछे जो कोई मेरी निशानी रंग हिना लिखना !!
आऊं तो सुबह जाऊ तो मेरा नाम सबा लिखना !!
बर्फ पड़े तो बर्फ पे मेरा नाम दुआ लिखना !!
भीतर ही भीतर चिल्लाई होगी,
हाथों में जब मेहन्दी सजाई होगी।
मैंने उजाड़ दी जिन्दगी उसकी,
ये बात उसने खुद को समझाई होगी।
महेंदी का रंग तो फीका पड़ गया है,
मगर तेरे प्यार का रंग तो जैसा था वैसा ही है !
माना कि सब कुछ पा लुँगा मैं अपनी जिन्दगी में,
मगर वो तेरे मेहँदी लगे हाथ मेरे ना हो सकेंगे।
मेरे प्यार की मेहँदी सजाकर !!
किसी और का घर बसाने चली है वो !!
मुझे बर्बाद करके किसी और को बर्बाद करने चली है वो !!
मेहँदी जब तुम मेरे नाम का लगाती हो,
तो क्या इसे तुम अपनी सहेलियों को भी दिखती हो !
मेहँदी जो मिट कर हाथों पर रंग लाती है,
दो दिलों को मिलाकर कितनी खुशियाँ दे जाती है !
मेहँदी वाले हाथ वो तेरे पायल वाले पांव,
याद बहुत आते हैं मुझको तू और अपना गाँव !
मेहंदी का रंग चढ़ा ऐसे मेरे हाथों में,
जैसे तेरा इश्क चढ़ा है मेरी सांसों में !
मेहंदी की महक से हुआ ये प्यार का नशा है,
हाथों को तुम्हारे चूमता मेरे दिल का तराना है !
मेहंदी जो मिट कर हाथों पर रंग लाती है,
दो दिलों को मिलाकर कितनी खुशियाँ दे जाती है !
मेहंदी लगाए बैठे हैं कुछ इस अदा से वो,
मुट्ठी में उन की दे दे कोई दिल निकाल के।
मेहंदी से सजे तेरे हाथों को चूम लेता हूँ
तो एक अलग ही दुनियाँ में खो जाता हूँ मैं !
मेहरबानी होगी आपकी मुस्कान दिख जाए !!
चेहरे पर सजे आपके पैगाम दिख जाए !!
पर्दो में न छिपाओ आंखों का तुम काजल !!
काश के मेहंदी में तुम्हारी हमारा नाम दिख जाए !!
मैं तेरे हाथों पर रच जाऊँगा मेहँदी की तरह,
तू मेरा नाम कभी हाथों पर सजा कर तो देख !
लड़की के हाथों पर जब मेहँदी रचाई जाती है,
तो बहुत सारे रिश्तों की अहमियत बताई जाती है !
वह आये महफ़िल मैं मेरे सामने बैठे हैं !!
अपने हाथों में मेरा दिल दबाये बैठे हैं !!
हमने उनसे पूछा क्या है तुम्हारे हाथों मैं !!
मुस्कुरा के बोले जान मेहँदी लगाए बैठे हैं !!
वो मुस्कुरा रही थी हाथो में मेहँदी लगाकर,
मेरे अरमानो को दफन कर वो,
नया घर बसा रही थी !
वो मेहंदी के हाथों में क्या तराशेंगे नाम हमारा,
जब नाम ही छुपा लिखा है उनके हाथों में !
शादी में लगी मेहँदी का रंग कभी नहीं छूटता है,
ऐसे मौके पर ना जाने कितने आशिकों का दिल टूटता है !
सच्ची चाहत क्या होती है,
मेरे महबूब मुझे बता गए,
मेहंदी लगाकर वो प्यार की,
मेरा सरेआम कत्ल कर गए !
हाथों की मेहंदी अपना रंग छोड़ जाती है,
दिल में किसी अजीज की एक याद उमड़ आती है !
हाथों की लकीरों में उनका नाम नहीं !!
फिर भी हम मेहँदी से लिख लिया करते है !!