Barish Shayari in hindi– बारिश प्रकृति का एक बहुत ही सुहावना नज़ारा होता है। जब बादल गरजने लगते हैं और बूंदाबांदी शुरू हो जाती है तो मन प्रसन्न हो उठता है। बारिश की बूंदें धरती को तरोताज़ा कर देती हैं। पेड़-पौधे हरे-भरे हो उठते हैं। बारिश में भीगने का अपना ही आनंद होता है।
बारिश के मौसम में लोग पकौड़े, भाजी आदि का आनंद लेते हैं। बारिश में किरकिरी सड़कों पर टहलना भी बड़ा मजेदार होता है। बच्चे कागज के नाव बनाकर उनमें मोमबत्ती जलाकर पानी में बहाने का आनंद लेते हैं। इसलिए आज मैं आपके लिए barish shayari लायी हु भेजे अपने दोस्तों को और आनंद ले बारिश का।
बारिश शायरी
अगर भीगने का इतना ही शौक है
बारिश में तो देखो ना मेरी आँखों में;
बारिश तो हर एक के लिए होती है;
लेकिन ये आँखें सिर्फ तुम्हारे लिए बरसती हैं।
अब के सावन मे पानी बरसा बहुत,
पानी की हर बूँद मे वह आये याद बहुत,
इस सुहाने मौसम मे साथ नही था कोई,
बादलों के साथ इन आँखों से पानी बहा बहुत…
आजा अभी सर्दी का मौसम नहीं गुजरा;
पहाड़ों पर अभी भी बर्फ़ जमी है;
सब कुछ तो है मेरे पास;
सिर्फ एक तेरी ही कमी है।
आ जाओ तुम भी कभी
यूँ इस सुहानी बरसात में
जैसे दिलकश ख्वाब कोई
आता है हसीं रात में
आज का मौसम प्यार
का मौसम होना चाहिए
बारिश तो आ जाएगी
बस बादल होना चाहिए.!!
आसमान रो रहा था मेरे साथ,
और उसे बारिश में नहाने का शौक चढ़ा था।
इश्क की बारिश में
ताउम्र हम खुद भीगते
रहे तेरी याद में कभी रोते
रहे तो कभी हंसते रहे..!
ईस बरसात में हम भीग जायेंगे,
दिल में तमन्ना के फूल खिल जायेंगे,
अगर दिल करे मिलने को तो याद करना..
बरसात बनकर बरस जायेंगे!
उनका वादा है कि वो लौट आयेंगे;
इसी उम्मीद पर हम जिये जायेंगे;
ये इतंजार भी उन्ही की तरह प्यारा है;
कर रहे थे कर रहे हैं और किये जायेंगे।
उनके मिलन से
महक उठी थी फ़िज़ाएँ
सौंधी खुशबू ने
बारिश की थी ना मिट्टी की !!
ए बादल क्या किसी ने
तेरा भी दिल दुखाया है
वरना इतनी शिद्दत से
बरसता ही कौन है
ए बारिश कहीं और जाके बरसा कर
मेरा दिल बहुत कमजोर है
बात बात पर रोया करता है !!
ए बारिश तू इतना न बरस
की वो आ न सके
और उसके आने के बाद
इतना बरस की वो जा न सके !!
एक अर्से बाद बारिश हुई मेरे शहर में,
देखो ना,
कुछ बूंदें अब तक पलकों से लिपटी हैं।
एक औरत क़ब्र पर बैठी थी। एक राहगीर ने पूछा, “डर नहीं लगता?” औरत: क्यों? इसमें डरने की क्या बात है। अंदर गर्मी लग रही थी तो बाहर आ गई। शुभ गर्मी।
एक तो मेरी काम वाली की समझ नहीं आती कि मेरे साथ क्या दुश्मनी है! गर्मियों में आती थी तो झाड़ू मारने के लिए पंखा बंद कर देती थी; और अब सर्दियों में पोछा सुखाने के लिए पंखा चला देती है।
एहसास का तूफान,
किसी के प्रति प्रेम जगाता है,
और फिर मोह का अतिरेक,
उसमें बाढ़ ले ही आता है।
ऐसे मौसम में क्यों ना मयख़ाना सजाएँ; चाय तो वो पीते हैं, जिनके लीवर में दम नहीं होता।
कड़ाके की ठण्ड को देखते हुए केन्द्र सरकार का बड़ा फैसला: “नहाये हुए व्यक्ति को छूने वाला व्यक्ति भी नहाया हुआ माना जायेगा।” ~ जनहित में जारी
कभी बेपनाह बरसी,कभी खामोश गुम सी
उफ्फ ये बारिश भी कुछ कुछ है तुम सी
कह दो बादलों से
कुछ पानी मेरी आँखों से
उधार ले जाये !!
कहीं फिसल ही न जाऊँ तेरी याद में चलते चलते
रोक अपनी यादों को,मेरे शहर में बारिश का समा है
काश आप जिनको चाहते हो उनसे मुलाकात हो जाये, ज़ुबान से न सही आँखों से बात हो जाये, आप का हाथ उनके हाथ में हो, और रिमझिम सी बरसात हो जाये…
काश मेरी जिंदगी में कोई ऐसा आता,
मैं बारिश में भी रोता तो वो मेरे आंसू पढ़ जाता।
कितना अधूरा लगता है ना,
जब बादल हो पर बरसात ना हो,
जब जिंदगी हो पर प्यार ना हो,
जब आँखे हो पर ख्वाब ना हो,
और जब कोई अपना तो हो
पर वो साथ ना हो..!!
कितना कुछ धुल गया
आज इस बारिश में
हाँ तुम्हारी यादों के पन्ने भी
धुल गए इस बारिश में !!
कितने अजब रंग समेटे है ये बे-मौसम बारिश खुद में; अमीर पकौड़े खाने की सोच रहा है तो किसान जहर।
किया न करो मुझसे इश्क़ की बातें,
बिन बारिश के ही भीग जाती हैं रातें।
कुछ तकनीकी खराबियों के कारण इस बार सर्दी के बाद गर्मी का मौसम उपलब्ध नहीं हो सकेगा। कृप्या बारिश का मज़ा लें। धन्यवाद!
कुछ तो चाहत होगी इन बूंदो की भी
वरना कौन छूता है
इस ज़मीन को उस आसमाँ से टूट कर
कुछ नशा तेरी बात का है,
कुछ नशा धीमी बरसात का है,
हमे तुम यूँ ही पागल मत समझो,
यह दिल पर असर
पहली मुलाकात का है..!!
कोई रंग नहीं होता इस बारिश के पानी का
मगर बरसते ही फ़िज़ा को रंगीन बना देता है
क्या किसी के पास उधार स्वरूप् थोड़ी धूप सप्लाई करने की व्य्वस्था है? मई जून तक दोगुने भाव से लौटा दूंगा।
क्या मौसम आया है हर तरफ पानी ही पानी लाया है, एक जादू सा छाया है, तुम घरसे बहार मत निकलना वरना लोग कहेंगे बरसात हुई नहीं और मेंढक निकल आया है..
क्यों किसी की याद में रोया जाये; क्यों किसी के ख्यालों में खोया जाये; मेरा तो यही कहना है ऐ दोस्त; बाहर मौसम है ख़राब है, . . . . . . . . . क्यों ना रजाई ओढ़ के सोया जाये।
ख़यालों में वही ख्वाबों में भी वही
मगर उनकी यादों में हम थे ही नहीं
हम जागते रहे दुनिया सोती रही
एक बारिश ही तो थी जो हमारे साथ रोती रही
ख़ुद को इतना भी मत बचाया कर,
बारिश हो तो भीग जाया कर।
खुद भी रोता है और मुझे भी
रुला के जाता है,
ये बारिश का मौसम उसकी
याद दिला के जाता है..!!
खुश नसीब होते हैं बादल,
जो दूर रहकर भी
ज़मीन पर बरसते हैं,
और एक बदनसीब हम हैं,
जो एक ही दुनिया में रहकर भी
मिलने को तरसते हैं..!!
ख्वाहिशें तो थी
तेरे संग बारिश में भीगने की
पर ग़मों के बादल कभी
छाते ही नहीं !!
ग़म-ए-बारिशे इसीलिए नही
कि तुम चले गए
बल्कि इसलिए कि
हम ख़ुद को भूल गए !!
गर्मियों में ठंडी हवा के लिये माँगी हुई दुआ अब सर्दियों में कबूल होते हुए देखकर यकीन हो गया है कि… . . . . . . . ऊपर वाले के घर देर है अंधेर नही।
गर्मी आ गई हैं अपना ख्याल रखना। पानी ज्यादा पीना; खाना कम खाना; और सबसे जरूरी बात; सिर को धूप से बचाना; क्योंकि . . . . . भूसे मे आग जल्दी लगती है। शुभ गर्मी।
गर्मी सांग: सुनो गौर से पेप्सी वालो; बुरी नज़र ना कोक पे डालो; चाहे जितना Dew पिला दो; सबसे आगे होगा नींबू पानी। शुभ गर्मी!
गर्मीयो में सर्द हवा के लिये माँगी हुई दुआ अब सर्दियों में कबूल होते हुए देखकर यकीन हो गया है कि ऊपर वाले के घर देर है अंधेर नही।
गुजारिश करता हूं कि
उससे अकेले में मुलाकात
हो ख्वाहिश ए दिल है
जब भी हो बरसात हो..!
गुनगुनाती हुई आती है फ़लक से बूँदे
कोई बदली तेरे पाजेब से टकराई है
चिलगोज़ी की खुश्बू, मूंगफली की बहार; सर्दी का मौसम आने को बेक़रार; थोड़ी सी मस्ती थोडा सा प्यार; मफलर, स्वेटर रखो तैयार; हैप्पी विंटर सीजन मेरे यार।
जकड़े थे तेरे यादों के जंजीर से,
फिर बारिश की पहली बूंद ने हमें
आजादी मुकम्मल कराई।
जब जब आता है ये बरसात का मौसम; तेरी याद होती है साथ हमदम; इस मौसम में नहीं करेंगे याद तुझे ये सोचा है हमने; पर फिर सोचा कैसे बारिश को रोक पायेंगे हम।
जरा ठहरो की बारिश हे
यह थम जाये तो फिर जाना
किसी का तुम को छू लेना
मुझे अच्छा नहीं लगता !!
जरा सी बारिश ने यूं ही भीगा दिया
तकिए तो गीले थे आंसुओं से
अधूरे ख्वाबों ने हमें जीना सिखा दिया.!!
जिस तरह हम भीग जाते है तेरी यादों में डूबकर
इस बारिश में कहाँ वो कशिश तेरे ख्यालों जैसी
जुल्फें जो उनकी खुल गई
लगता है सावन आ गया
अब कौन रोकेगा घटाओ
को घूमने से लगता है
बारिश का मौसम आ गया..!
जो वो बरसा तो
इश्क़ होगा और मैं बरसा तो
बस अश्क होगा !!
तुझ में और बारिश में एक
खास बात है,
दोनों ही कभी-कभी बेवजह
ज़ोर से बरसते हैं..!!
तुम्हारे चेहरे का मौसम
बड़ा सुहाना लगे
मैं थोडा लुफ्त उठा लू
अगर बुरा न लगे !!
तेरे इंतजार का मजा ही
कुछ और है
अरे उसके आगे तो तेरे
इस मौसम का
मजा भी कमजोर है !!
तेरे इश्क़ की बारिश में कुछ इस
कदर भींग जाऊँ,
हो के मस्त मौला मैं इस दुनिया
को भूल जाऊँ..!!
तेरे प्रेम की बारिश हो,
मैं जलमग्न हो जाऊं,
तुम घटा बन चली आओ,
मैं बादल बन जाऊं।
दिल की धड़कन रुक सी गई है; सांसे मेरी थम सी गई हैं; पूछा हमने दिल के डॉक्टर से तो पता चला; सर्दी के कारण आपकी यादें दिल में जम सी गई हैं।
दिल की बातें कौन जानें,
मेरे हालात को कौन जानें,
बस बारिश का मौसम है,
मेरी प्यास का
एहसास कौन जानें..!!
दिल में अनजाना सा एहसास,
जैसे बारिश चुपके से कुछ कह रही है,
न जाने कौन सी कशिश है इस बारिश में,
जो साथ में यादें भी ले आई है।
दुनिया में अच्छे आदमी की तलाश में मत निकलना, . . . . . . . . . . बाहर बहुत ठण्ड है और मैं घर पर ही हूँ।
दुनिया में हर कोई एक दूसरे सें जल रहा है, फिर भी कम्बख़्त इतनी ठण्ड क्यों पड़ रही है?
धूप निकल आई है! जिस-जिस को अपनी चड्डी सुखानी हो वो सुखा ले। बाद में शायरियाँ मत करना।
न कोई छत्रछाया है,
न कोई मोह माया है,
बारिश से ज्यादा तो मुझको
तेरी यादों ने भिगाया है।
न जाने क्यू अभी आपकी याद आ गयी, मौसम क्या बदला बरसात भी आ गयी, मैंने छुकर देखा बूंदों को तो, हर बूंद में आपकी तस्वीर नज़र आ गयी…
न जाने वो शाम कब आएगी,
बारिश, चाय, पकौड़े
मैं और तुम साथ होंगे।
ना मैं दिल में आता हूँ, ना मैं समझ में आता हूँ, . . . . . . . . . . इतनी सर्दी में मैं कहीं नहीं जाता हूँ।
नैनों से अब बारिश होती है मेरी,
पलकों के कोनों से नींद रोती है मेरी।
पहली बारिश का नशा ही
कुछ अलग होता है
पलको को छूते ही
सीधा दिल पे असर होता है !!
पहले बारिश होती थी तो याद आते थे
अब याद आते हो तो बारिश होती है
पूछते थे न कितना चाहते हैं हम तुम्हे
लो अब गिन लो बारिश की ये बूंदे
पूछते हो ना मुझसे तुम हमेशा
की मे कितना प्यार करता हू तुम्हे
तो गिन लो बरसती हुई इन बूंदो को तुम !!
पूछे कोई उससे के दुख है या खुशी है,
जाने क्यों बूँद कोई बारिश की पत्तों पे रुकी है।
प्रिय दिसंबर तुम वापस आ जाओ, तुम तो सिर्फ नहाने नहीं देते थे यह जनवरी तो मुँह भी नहीं धोने दे रहा। समस्त उत्तर भारतीय!
फ़ासले ख़्वाइशों से ज़िन्दगी ने इतने कर डाले हैं,
बारिश की बूंदे औऱ हमनें खिड़की से हाथ निकाले हैं।
बरसात का बादल तो दीवाना है वो क्या जाने
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है
बहुत अफ़सोस हो रहा है उन बेचारे लड़के-लड़कियों पे जो, . . . . . . . . . कंबल, रज़ाई में छुप कर कॉल और मैसेज किया करते थे। अब करो, हाय रे गर्मी!
बहुत बिगडे है जमाने के रंग क्योंकि मिल बैठे हैं तीन यार संग संग Summer Monsoon Winter
बादल जब गरजते हैं
दिल की धड़कन बढ़ जाती है
दिल की हर एक धड़कन से
आवाज़ तुम्हारी आती है
बारिश के हर कतरे से
आवाज़ तुम्हारी आती है
मौसम है बारिश का और याद तुम्हारी आती है……
बादल बड़े चुप-चुप से लगते हैं,
नाराज़ ख़ुद से लगते हैं,
आज पानी कहीँ से भी नहीँ बरसा,
यह भी कुछ-कुछ मुझ से लगते हैं।
बादलों को गुरुर था कि वो उच्चाई पे है,
जब बारिश हुई तो उसे ज़मीन की मिट्टी ही रास आयी।
बारिश और मोहब्बत दोनों ही
यादगार होते हैं,
बारिश में जिस्म भीगता है
और मोहब्बत में आँखें..!!
बारिश का मौसम मुझे इसीलिये भाता है,
अंदर और बाहर का मौसम एक सा हो जाता है।
बारिश की बूँद बन,
हम कुछ यूं बरस जाए तुझमें,
तू समंदर बन समा ले हमें खुद में।
बारिश की बूंदे आज
मेरे चेहरे को छू गई
लगता है शायद आसमा
को जमी मिल गई..!
बारिश की बूंदों को
छातों से रोका न करो,
बेचारी बहुत दूर से तुमसे मिलने आती हैं।
बारिश की बूंदों में नज़र आती है तस्वीर उनकी
और हम भीग जाते हैं उनसे मिलने की चाहत में
बारिश की बूंदों सा ये दिल गिरता बरसता है,
तुम पास होते हो मगर फिर भी तरसता रहता है।
बारिश की बूंदों सा ये
दिल गिरता बरसता है,
तुम पास होते हो मगर फिर
भी तरसता रहता है..!!
बारिश तेरे बिन भी होती है मेरे शहर में
मगर उसमे सिर्फ पानी बरसता है इश्क़ नहीं
बारिश में हम पानी बनकर
बरस जायेंगे
पतझड़ में भी फूल बनकर
बिखर जायेंगे
क्या हुआ जो हम आपको सताते हैं
कभी आप इन लम्हो के लिए
भी तरस जायेंगे
बारिश सुहानी और मोहब्बत पुरानी,
जब भी मिलती है नई सी लगती है।
बारिश से मोहब्बत मुझे
कुछ इस क़दर है,
वो बरसता उधर है,
और मेरा दिल धड़कता इधर है.
बारिशों की भी अपनी कहानी है,
जैसे अश्कों के साथ बहता पानी है।
बारिशों में बेवजह भी भीग जाना चाहिए,
मेरे अजीज़ यारो,
हर मौसम का लुत्फ उठाना चाहिए।
भीगते हैं जिस तरह से
तेरी यादों में डूब कर,
इस बारिश में कहाँ वो कशिश
तेरे खयालों जैसी।
भीगे मौसम का भीगा सा साथ; भूला हुआ वक़्त, भूली हुई बात; वो भीगी सी आँखें, वो भीगी सी याद; मुबारक हो आपको मौसम की पहली बरसात।
भीगे मौसम की भीगी सी सूरत; भीगी सी याद भूली हुई बात; वो भीगी सी आँखें; वो भीगा हुआ साथ; मुबारक हो आपको आज की खूबसूरत बरसात!
भीगे मौसम की भीगीसी शुरुआत.. भीगीसी याद भूली हुई बात.. वो भीगीसी आँखे.. वो भीगा हुआ साथ.. मुबारक हो आपको..आज की खूबसूरत बरसात…
भीगे हैं खिड़की के शीशे,
भीगा है मन भी मेरा,
लगता है बारिश हुई थी कल रात,
बाहर भी और अंदर भी।
मत ढूंढो मुझे इस दुनिया की तन्हाई में; . . . . . . . . यहीं हूँ मैं अपनी रजाई में!
मदमस्त बूँदों को गिरते देखा,
बादल का हाल बताते हैं,
तड़पन में अपनी बन के बारिश,
वो धरा से मिलने आते हैं।
माना है अपना इश्क रुठा अभी,
अधूरी दास्तान भी मुकम्मल होगी कभी।
एक रोज उस इश्क़ की बारिश हम पर भी होगी कभी।
मासूम मोहब्बत का बस इतना सा फ़साना है
कागज़ की कश्ती और बारिश सा ज़माना है
मुझे ऐसा ही जिन्दगी का
हर एक पल चाहिए
प्यार से भरी बारिश और
संग तुम चाहिए !!
मुझे जिंदगी का ऐसा
ही एक पल चाहिए,
मोहब्बत से भरी बारिश,
और संग तू चाहिए..!!
मोहब्बत तो वो बारिश है
जिसे छूने की चाहत मैं
हथेलियां तो गीली हो जाती है
पर हाथ खाली ही रह जाते है !!
मौसम का कुछ ऐसा खुमार है
मन करता चीख कर कह दू
हमको तुमसे बहुत प्यार है !!
मौसम चल रहा है इश्क का साहिब
जरा सम्भल कर के रहियेगा !!
मौसम हे बारिश का
और याद तुम्हारी आती हे
बारिश के हर कतरे से सिर्फ
तुम्हारी आवाज़ आती हे !!
मौसम-ए-इश्क़ है तू एक कहानी बन के आ
मेरे रूह को भिगो दें जो तू वो पानी बन के आ
यूँ तो ख़्वाहिशें बहुत थी दिल को बारिशो की,
अबके बरस अश्को से रू-ब-रू इरादे धूल गये।
ये इश्क़ का मौसम अजीब है जनाब,
इस बारिश में कई रिश्ते धुल जाते है,
बेगानों से करते है मोहब्बत कुछ लोग,
और अपनों के ही आंसू भूल जाते है।
ये बारिश अपने साथ साथ
तुम्हारी यादो की बौछार लाई है,
तनहाई के इस आलम में,
खुशियां बेशुमार लाई है।
ये बारिश की बूंदे प्यार भरा संगीत है,
हवा के साथ अठखेलियां करती हैं,
खिड़कियां खोल कर इन्हें छूने का,
इंतजार आज भी हथेलियां करती हैं।
ये बारिश के बाद कि बूंदा-बांदी इस तरह लगती है,
मानो तुम्हारा अलविदा बोलने के बाद भी थोड़ी देर बात करना।
ये बारिश गवाह है मेरे हर उन आसूँओ की,
जो सिर्फ तुम्हारे लिए बहे हैं।
ये बारिश भी कितनी अजीब है,
पूरे तन को तो भीगा देती है,
मगर उसके सामने आँसू छुपाने में,
मेरी मदद नहीं कर पाती है।
ये बारिश भी बिल्कुल तुम्हारी तरह है,
फर्क सिर्फ इतना है,
तुम मन को भीगा देते हो,
वो पूरे तन को भीगा देती है।
ये बारिशों से दोस्ती
अच्छी नहीं फ़राज़
कच्चा तेरा मकान है
कुछ तो ख्याल करो !!
ये मौसम भी क्या रंग लाया है,
साथ हवा और घटाएं लाया है,
मिट्टी की खुशबू फैलाये सावन आया है,
दिल को ठंडक देने बरसात का महीना आया है।
ये हल्की-हल्की शर्द हवाएं,
ये बारिश का मौसम,
मैं तुममें पूरा रहता हूं,
तुम मुझमें क्यों रहती हो कम।
रहने दो अब,के तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे
बरसात में काग़ज़ की तरह भीग गया हूँ मैं
रात मैंने सारे ग़म आसमान को सुना दिए
सुबह मैं चुप हूँ और आसमान बरस रहा है
रोये वो इस कदर उनकी लाश से लिपटकर कि लाश खुद उठ कर बोली, “ले तू मरजा पहले, . . . . . . उपर ही चढे जा रहा है इतनी गर्मी में।”
लगता है आज मौसम खुशनुमा है।
हुई नहीं बारिश फिर भी वो भीग रही है।
वाह मौसम आज तेरी अदा पर,
दिल खुश हो गया, याद मुझको
वो आई और बरस तू गया..!!
वो आज भी सर्दी में ठिठुर रही है दोस्तों; मैंने एक बार बस इतना कहा कि; “स्वेटर के बिना कैटरीना लगती हो।”
वो बारिश की बूंदों को बाहें फैला कर समेट लेता है,
वो जानता है कि हर बूंद उसकी ही तरह तन्हा है।
वो मेरे रुबरु आये भी तो बरसात के मौसम में
हमारे आँसू बह रहे थे और वो बरसात समझ बैठे
संभला ही था दिल तेरी यादों के समंदर से,
कि अचानक फ़िर से बरसात हो गई।
सर्दी से बचने का नुस्खा: सुबह-सुबह सोकर उठो तो किसी के ऊपर एक लोटा ठंडा पानी डाल दो, उसके बाद वो उठकर आपको ऐसा गरम करेगा कि पूरे दिन भर ठंड नहीं लगेगी।
सावन ने भी किसी से प्यार किया था; उसने भी बादल का नाम दिया था; रोते थे दोनों एक दूसरे की जुदाई में; और लोगों ने उसे बारिश का नाम दिया था।
सुन ए बारिश,ज़रा थम के बरस
जब वो आ जाये तो जम के बरस
पहले न बरस की वो आ ना सके
फिर इतना बरस की वो जा ना सके
सुना है बाजार में गिर गए हैं दाम इत्र के
बरसात की पहली बूंदों ने
आज मिटटी को जो छुआ है
सुना है बारिशों में हर दुआ क़बूल होती है
अगर हो इज़ाज़त तो मांग लूँ आपको…….
सुहाना है बारिश का
मौसम दीवाना हूं तेरा
यार पागल है तेरे प्यार में
करता है बस तेरा इंतजार..!
हकीकत समझो या फ़साना; अपना समझो या बेगाना; हमारा आपका है रिश्ता पुराना; इसलिए फ़र्ज़ था आपको बताना; ठंड शुरू हो गयी है, कृपया रोज़ मत नहाना!
हम तो निकले थे तलाशे इश्क में; अपनी तनहाईयों से लड़ कर; . . . मगर . . . गर्मी बहुत थी, बियर पी के वापिस आ गए।
हमारे शहर आ जाओ
सदा बरसात रहती है
कभी बादल बरसते है
कभी आँखे बरसती है !!
हमें मालूम है तुमने देखी हैं बारिश की बूँदें,
मगर मेरी आँखों से ये सावन आज भी हार जाता है।
हर दफ़ा बारिश उसका पैग़ाम लेकर आती है,
और मेरे बंजर से दिल को हरा भरा कर जाती है।
हर दफ़ा बारिश उसका
पैग़ाम लेकर आती है,
और मेरे बंजर से दिल को,
हरा भरा कर जाती है..!!
हो रही है बारिश,
पूरा शहर ये वीरान है,
एक हम ही तो उदास नहीं,
सारा शहर परेशान है।
बारिश एक ऐसा प्राकृतिक घटनाक्रम है जो हमें हर साल ख़ुशी देती है। जब गर्मियों के मौसम में पहली बारिश होती है तो सबके चेहरे पर मुस्कान छा जाती है। आसमान से बरसते पानी की बूँदों की आवाज़ सुनकर मन प्रसन्न हो उठता है।
जब बादल गरजने लगते हैं और बारिश की बूँदें धरती पर गिरने लगती हैं तो पूरा माहौल ही बदल जाता है। गर्मी की तपिश में थोड़ी ठंडक मिल जाती है। धूल-मिट्टी के बीच नमी का सुख मिलता है। बारिश के बाद सड़कों पर पानी के लोटे जम जाते हैं।
बारिश आने से प्रकृति में नई चैतन्यता आ जाती है। सूखे पेड़-पौधे हरे भरे हो जाते हैं। ज़मीन में नमी आने से खेतों में हरियाली छा जाती है। बारिश के बाद आसमान साफ़ हो जाता है और मौसम ठंडक लिए बहुत सुहावना लगता है।
बारिश का मौसम आने पर लोग भीगने-डुबकी लगाने का भरपूर आनंद लेते हैं। बच्चे पानी में खेलने लगते हैं। बारिश में चाय-पकौड़े का मज़ा दोगुना हो जाता है। बारिश के मौसम में सबके चेहरे पर एक अलग ही खुशी दिखाई देती है।
हां, कभी-कभी अति वृष्टि से कुछ समस्याएँ जरूर पैदा हो जाती हैं। लेकिन बारिश के फ़ायदे उसके नुक़सान से कहीं ज़्यादा होते हैं। बारिश हमें एक ताजगी और जीवंतता का एहसास कराती है। यह एक प्राकृतिक वरदान है जो हमारे जीवन में ख़ुशियों को लाती है। उम्मीद करती हु Barish Shayari in Hindi ( बारिश शायरी ) आपको पसंद आई।
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