Chai Shayari: चाय भारतीयों की जीवनशैली का अभिन्न अंग है। चाय का इतिहास भारत में बहुत पुराना है। इसे ‘चाय’ शब्द संस्कृत के ‘च’ शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ है पेड़। इसलिय आज हम खासकर चाय से प्यार करने वालो के लिए Chai shayari in hindi लाये हैं चाय की चुस्की के साथ थोड़ी चाय शायरी भी हो जाये
मन के थकान को दूर करती है चाय,
स्वाद बढ़ जाएँ अगर आपके हाथो से मिल जाएँ !
अक्सर मैं तेरे प्यार के नग़मे गुनगुनाता हूँ,
होंठ मुस्कुराते है जब चाय का कप उठाता हूँ।
अमीरी और गरीबी नहीं देखती साहब,
ये चाय है सबको एक सा सुकून देती है !
आज की रात कैसे गुजरी,
ये मत पूछो सनम,
एक तो तुम्हारी याद बहुत आई,
ऊपर से चाय पत्ती खत्म।
आशिको की आशिक़ी,
वो यारों की यारी है,
वो सिर्फ चाय नहीं,
हमारी मुलाकात की पहली तैयारी है।
इक चाय सा नशा है तुझमे भी यारा,
सुबह होते ही तुमारी तलब लग जाती है !
इक प्याली चाय और ख्वाहिश तुम्हारी,
सफर मुकम्मल करें यादें तुम्हारी।
इज़हार ए मोहब्बत बेधड़क होनी चाहिए,
चाय हो या इश्क़ हो कड़क होना चाहिए।
इधर आइए पास बैठिए चाय पीजिए
शराब मैं क्या रखा हैं,
जनाब शराब को दफा किजिए।
इश्क़ और सुबह की चाय,
दोनों एक समान होती हैं,
हर बार वही नयापन,
हर बार वही ताज़गी!
इश्क में दर्द का होना लाजमी है,
क्योंकि बिना चीनी की चाय फीकी लगती है !
इश़्क है तो ज़ाहिर कर,
बनाकर चाय हाज़िर कर,
अदरक डाल या डाल इलायची,
कूटकर मोहब्बत भी शामिल कर।
इस कदर वो दुनिया के सामने
अपना इश्क़ दिखाती है,
चाय की एक चुस्की लेकर
मुझे झूठी चाय पिलाती है।
इस भागते हुए वक़्त पर कैसे लगाम लगाई जाए,
ऐ वक़्त आ बैठ तुझे एक कप चाय पिलाई जाए।
उस चाय से भरे प्याले में बस कमी थी,
तो उसके इश्क करने वाले हाथों की !
उसे फाइवस्टार के कॉफी से इश्क़ है !!
और हम टपरी के अदरक वाली चाय के शौकीन !!
ये जंग है प्यार और चाय हथियार !!
एक एक घूँट आराम से पीजिये जनाब,
सुना है इश्क़ की चाय बड़ी गरम होती है?
एक कप चाय दो दिलों को मिला देती है,
एक कप चाय दिन भर की थकान मिटा देती है।
एक तेरा ख़्याल ही तो है मेरे पास,
वरना कौन अकेले में बैठे कर चाय पीता है।
एक तो वो इतनी हसीन,
ऊपर से चाय की शौकीन।
एक प्याली चाय और ख्वाहिश तुम्हारी,
सफर मुकम्मल करें यादें तुम्हारी।
एक सुबह क्या कॉफी के नाम कर दी,
चाय ने तो हमे बेवफा ही कह डाला।
ऐ जिंदगी आ बैठ कहीं
चाय पीते है, तू भी थक गया होगा
मुझे परेशान कर कर के।
कभी सुकून की चुस्की,
तो कभी उलझन का किस्सा है,
चाय सिर्फ चाय नहीं,
हमारी जिंदगी का हिस्सा है!
कभी हमारे गाँव आओ,
तुम्हें एक सैर कराएंगे,
हमारी स्पेशल वाली चाय
तुम्हें अपने हाथों से पीलायेंगे।
कभी हसाती है तो कभी गम के सागर में डुबा जाती है,
वो चाय की टपरी अपनी ना होते हुए भी बहुत याद आती है।
कल मिलने का वादा है उनका और,
मैं चाय लिए रोज़ इंतजार करता हूं।
कल रात मैने एक हसीन ख्वाब देखा,
खुद को चाय की टपरी पर तेरे साथ देखा।
काश में इस तरह की चाय बना
पाता, नफरतों को दिल से हमेशा
के लिए मिटा पाता।
किसको बोलूँ हेलो और किसको बोलू हाय,
हर टेंशन की एक ही दवा है अदरक वाली चाय !
कुछ इस तरह जी लेते है हम,
तुम्हारी याद आने पर चाय पी लेते है हम।
कुछ तो सर्द सुबह का कोहरा,
कुछ तेरी यादों की धुंध,
गर्म चाय की कुछ चुस्कियाँ,
और ख़यालों में ढेर सारी तुम।
कुल्हड़ वाली चाय और भी ज्यादा स्वादिष्ट हो जाती है,
मेरी भारत की मिट्टी की खुश्बू जो उसमे घुल जाती है।
कैसे कहे कोई नहीं है हमारा,
शाम की चाय रोज
बेसब्री से इंतज़ार जो करती है।
कॉफी वाले तो सिर्फ फ्लर्ट करते हैं,
कभी इश्क़ करना हो तो चाय वालों से मिलना !
खामोशियों की जंज़ीरों को तोड़कर कुछ बात करलो,
मैंने चाय बनाई है,
अब तो एक मुलाकात करलो।
खुद के लिए कुछ दिन अकेले ही जी लेना,
किसी ओर के हाथ की नहीं,
अपने हाथ की चाय बनाकर पी लेना।
खुशी का जिकर हो तुम !!
हर दर्द की दवा हो तुम !!
चाय मेरी हर मुश्किल का समाधान हो तुम !!
चाई की आदत से भी दूर रखा करते थे खुदको,
यहां देखो,
आहिस्ता आहिस्ता तुम्हारी लत लग गई।
चाय का कोई वक़्त नहीं होता
हर वक़्त चाय का होता है।
चाय की चुस्कियों में यादों को डुबाया करो,
ये दुनिया की बातों को खामखां दिल से ना लगाया करो।
चाय की चुस्की के साथ अक्सर कुछ गम भी पीता हूं !
मिठास कम है जिंदगी में मगर जिंदादिली से जीता हूँ ।
चाय की तरह मोहब्बत उसकी
आज भी उबलती रहती है सीने में।
चाय के कप से उड़ते धुंए में
मुझे तेरी शक़्ल नज़र आती है,
तेरे इन्ही ख़यालों में खोकर,
मेरी चाय अक्सर ठंडी हो जाती है।
चाय के नशे का आलम तो कुछ इस कदर है,
कोई राई भी दे तो अदरक वाली बोल देते हैं ।
चाय के बाद दूसरा रंग तुम्हारा है,
जो मुझे सांवला अच्छा लगता है !
चाय दूसरी एसी चीज़ है,
जिससे आंखें खुलती है,
धोखा अभी भी पहले नम्बर पर है !
चाय पीने से फुर्सत नहीं मिलती,
वरना हम बताते मोहब्बत किसे कहते हैं।
चाय भर कर टपरी वाले ग्लास में,
कब से बैठा हूं तेरे आने की आस में।
चाय से हमेशा मोहब्बत है,
और हमेशा रहेगी,
चाहे पूरी दुनिया कॉफी के लिए मर मिटे !
जब ये लब चाय और तेरे लबों को छू लेते है,
तो हम एक पल में सदियां जी लेते है !!
जब सुबह सुबह तेरे प्यार के नग्में को गुनगुनाता हूं
लब मुस्कुराते है जब चाय का कप उठाता हूं।
जब सुबह-सुबह तेरे प्यार के नग्में को गुनगुनाता हूं,
लब मुस्कुराते है जब चाय का कप उठाता हूं।
जागने की इजाज़त नही देते तेरे ख्वाब मुझे,
वो तो मैं चाय का बहाना करके उठ जाया करता हूँ।
जिंदगी को हमसफ़र चाहिए जीने के लिए,
हमें तो चाय चाहिए पीने के लिए।
जितना उबलती है उतनी बेहतर लगती है,
ये चाय भी ना मुझे मेरे,
गुस्सेवाली बाबू जैसे लगती है !
ज़िन्हे चाय से लगाव होता है,
उसके दिल में जरूर घाव होता हैं।
जीभ जलने पर जब चाय छोडी नही जाती,
तो दिल ज़लने पर इश्क क्या खाक छोड़ेंगे !
जैसे तारों के बिना चाँद अधूरा है,
वैसे ही चाय के बिना मैं अधूरा हूं।
जैसे शाम ढलती जा रही है,
तुम्हारे संग चाय की तलब,
बढ़ती जा रही है।
टुटे दिल का भी
जख्म झेल लेते है
चाय जब हम पी लेते है।
तलब लगी है तुम्हारे
साथ चाय पीने की,
तुम चाय को देखना
हम तुम्हें देखेंगे।
तारीफें बयां कर रहे थे
लोग अपने अपने पसंदीदा जाम की,
ख़ामोशी बसर हो गई
महफ़िल में जब मिसाल दी मैंने चाय की।
तुम से एकतरफा मोहब्बत कुछ इस तरह भी कर लेता हूँ,
तुम्हारे हिस्से की भी चाय मैं पी लेता हूँ।
तुमसे इज़हार-ए-मोहब्बत भी करेंगे एक दिन,
पहले चाय तो बनाना सीख जाओ।
तुम्हारे हाथों की बनी चाय के गर्म
एहसासों की जरूरत है मुझे,
सुबह की सर्दी और तुम्हारी जुदाई
हमसे अब बर्दाश्त नही होती।
तेरा इश्क़ चाय सा मीठा,
मैं इसमे खोना चाहता हुँ,
बिस्कुट सा डूब कर इसमे
मैं तेरा होना चाहता हुँ।
तेरे इश्क़ में मुझे जीना है,
तेरे होंठो से लगी चाय मुझे पीना है।
तो सिर्फ दवा है साहब,
दर्द तो कुछ और ही है !
थोड़ा नशा चाय का, थोड़ा तुम्हारा भी है,
आज बहक जाने का मन, जनाब हमारा भी है।
दर्द दो तरह के होते हैं,
एक कोई वादा करके आपको
चाय ना पिलाएं,
दूसरा कोई आपकी चाय पी जाएं।
दुनियाँ से थोड़े जुदा हैं हम
हमें जुदा ही रहने दो,
हमारे लिए चाय खुदा है,
उसे खुदा ही रहने दो।
दूध से कहीं ज्यादा देखे है
मैंने शौक़ीन चाय के !
दोबारा गर्म की हुई चाय और
समझौता किया हुआ रिश्ता
दोनों में पहले जैसी
मिठास कभी नही आती।
ना इश्क ना कोई राय चाहिए
सर्द मौसम है बस चाय चाहिए !!
ना इश्क़, मोहब्ब्त और प्यार,
और ना ही किसी का दीदार,
हमे तो पसंद है अपने दोस्तों
के साथ वो कुल्हड़ वाली चाय।
नाराज़गी आज उसने कुछ यूं जाहिर कर दी,
चाय तो बनाई मगर दूर लेकर रख दी।
फ़िर से एक बार किसी की
खुशबू ने रूह को छुआ है,
लगता है कहीं पर कुल्हड़ की
चाय का ज़िक्र हुआ है।
बहुत दुर मंज़िल है,
थोड़ा आराम हो जाए,
चलो दो पल साथ बिताते है,
एक कप चाय हो जाए।
बातें काम हो तो चलता है,
मगर चाय का कम होना बुरा
लगता है बस।
बैठे चाय की प्याली लेकर पुराने किस्से गरम करने,
चाय ठंडी होती गई और आँखे नम !
मन के थकान को दूर करती है चाय..
स्वाद बढ़ जाएँ अगर आपके हाथो से मिल जाएँ..
महंगाई ने आशिकों को मार रखा है,
ये चाय ही है जिसने अभी तक संभाला हुआ है !
माँ के हाथ की बनी चाय पीये हुए कई साल गुज़र गए,
चाय का वो स्वाद तो मिल गया लेकिन वो प्यार नहीं।
मिलों कभी चाय पर फिर कोई किस्से बुनेंगे,
तुम खामोशी से कहना हम चुपके से सुनेंगे !
मेरी चाय की चीनी और खाने का नमक हो तुम,
कैसे तुम्हे समझाऊं की मेरे दिल की धडक हो तुम।
मेरे चाय पीने का कोई वक़्त तो नहीं हैं,
परंतु चाय पीते वक़्त तुम्हारी याद जरूर आती हैं।
मेरे जज्बातों का कोई तो सिला दो,
कभी घर बुला के चाय तो पिला दो।
मेरे हाथों से तुम्हें
अदरक की चाय पिलाऊंगा,
सुनो ना, तुम रूठो
तो मैं तुम्हें मनाऊंगा।
मैं तुम्हें कुल्हड़ वाली चाय पिला सकता हूं,
ये चांद तारे तोड़ के लाना सब फिजूल की बातें हैं।
मैं बन जाऊंचाय की पत्ती,
तुम बन जाओ शक्कर के दाने,
कोई तो मिलाएगा हमें चाय पीने के बहाने !
मोहब्बत तो लौटा नहीं सकते तुम,
मगर वो चाय की महक तो लौटा दो।
मोहब्बत है हमसे तो थोड़ा इज़हार करना सिख लो,
प्यार है तो थोड़ा चाय बनाना भी सीख लो।
मोहब्बत हो या चाय,
एकदम कड़क होनी चाहिए !
यादों में आप और हाथ में चाय हो,
फिर उस सुबह की क्या बात हो !
ये इश्क ही तो है हमारा चाय से,
ये गरम चाय तो यूं ही बदनाम है,
कलेजा तो आपकी बेरुखी से जलता है !
ये गुलाबी ठंड के दिन,
तुम्हें याद करते करते
एक और चाय तुम्हारे बिन।
ये चाय की मोहब्बत तुम क्या जानो,
हर एक घूँट में एक अलग ही नशा है !
ये जो चाय से इतनी मोहब्बत है,
कसम से ये सब तुम्हारी बदौलत है !
ये मुसीबत के दिन भी गुजर जायेगे,
फिर एक मुलाकात रखेंगे चाय पर।
ये सर्दियों का मौसम कोहरे का नजारा,
चाय के दो कप, बस इन्तजार तुम्हारा।
रब मेरी एक ख्वाइश पूरी कर जाए,
कभी आपके संग एक कप चाय हो जाए।
रिश्तों की चाय में शक्कर ज़रा
नाप के ही रखना ए दोस्त,
फीकी हुई तो, स्वाद नहीं आएगा,
ज्यादा मीठी हुई तो मन भर जाएगा।
रिश्तों में मिठास आखिर क्यूं न हो,
आपके महबूब को चाय जो पसंद है !
रोज़ सुबह चाय की तलाश में निकलता हूँ ऐसे,
कोई रांझा ढूंढ रहा हो अपनी हीर को जैसे।
लोगो को मिलता होगा सुकून इश्क़ में,
हमे सुबह सुबह बिना चाय के
चैन नहीं मिलता।
लोगो ने दारु को तो यूँही बदनाम किया है,
असली नसा तो चाय पीने में है ।
लोगों की दोस्ती पर शक होने लगा है,
क्योंकि चाय पिने वाला आज कल,
कॉफी जो पिने लगा है !
वक्त के साथ जमाना भी बदला !!
कुल्हड़ की जगह कांच ने ले ली !!
मेरी वो चार रूपये वाली चाय !!
मैंने आज चौदह रूपये में ले ली !!
वो कितनी खूबसूरत है !!
और उसकी बातें कितनी मीठी !!
कभी-कभी हम साथ में !!
उसके फीकी चाय तक पी जाते हैं !
वो चाय बहुत अच्छी बनाती है,
एक यही वजह काफी है,उससे मोहब्बत करने के लिए।
वो पल भी कोई पल है
जिस पल तेरा एहसास ना हो
वो चाय फिर चाय कैसी
जिसमें तेरे होठों सी मिठास ना हो।
सर दर्द सी हो गयी है जिंदगी,
क्या तुम सुबह की चाय बनोगी।
सर्दियों के बस दो ही जलवे,
तुम्हारी याद और हाथ में वो चाय !
सांवला है रंग थोड़ा कड़क मिजाज है,
सुनो तुम पसंद हो मुझे,
तुम्हारा चाय जैसा स्वाद है।
सुनो मेहबूबा, एक राय है,
तुमसे बेहतर तो मेरी चाय है।
सुनो सुबह खड़ी है चौखट पर !!
तुम रात को ठीक से रवाना तो कर दो !!
चाय भी तैयार है सज धज के !!
तुम बस आने का कोई बहाना तो कर दो !!
सुबह की चाय और बड़ो की राई,
समय समय पर लेते रहना चाहिए !
सुहानी सुबह और बारिश के रिमझिम फुहारें,
हाथों में अदरक वाली चाय और दिल में याद तुम्हारें!
हम खुश इसलिए रहते है !!
क्योकि चाय पीते समय चर्चा !!
और गर्लफ्रेंड बनाते वक्त खर्चा !!
हम बिलकुल नहीं करते है !!
हम तुम शायरी और एक कप चाय,
ख्वाब भी देखो जान मेरे कितने हसीन है..
हम तो निकले थे मोहब्बत की तलाश में,
सर्दी बहुत लगी चाय पीकर वापस आ गये।
हम भारतीय है जानब !!
हम चाय को पसंद करते है !!
चायवाली को नहीं !!
हर किसी ने ज़ख्म दिये है यहाँ,
बस चाय ने ही ज़ख्मों पर मरहम लगाया है।
हर रोज़ होता है मुझे इश्क़ तुमसे,
तुम मेरी सुबह की पहली चाय से हो गए हो।
हलके में मत लेना तुम !!
सावले रंग को !!
दूध से कहीं ज्यादा देखे है !!
मैंने शौक़ीन चाय के !!
हल्की फुल्की बौछारे
और ये मस्त हवाये,
उफ़ उसके साथ का अहसास
और अदरक वाली चाय।
हाथ में चाय और यादों में आप हो,
फिर उस खुशनुमा सुबह की क्या बात हो।
अंतिम शब्द
चाय की खेती पूर्वोत्तर भारत में आसाम, दार्जिलिंग, त्रिपुरा आदि राज्यों में होती है। चाय के पौधे की हरी पत्तियों को सुखाकर बनाई जाती है। चाय में कैफीन नामक एक प्राकृतिक उत्तेजक पाया जाता है जो ऊर्जा देने वाला होता है।
चाय कई प्रकार की होती है जैसे ग्रीन टी, ब्लैक टी, वाइट टी आदि। भारत में सबसे ज्यादा चाय पीने की परंपरा है। यहाँ लोग दिन की शुरुआत चाय से करते हैं। चाय के साथ बिस्कुट, मठरी, समोसा आदि खाया जाता है। चाय लोगों को आपस में जोड़ती है और उनके बीच के संबंधों को मजबूत बनाती है।
इस प्रकार, चाय भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है और भारतीयों की रोजमर्रा की ज़िंदगी में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। चाय के बिना भारतीयों का दिन अधूरा लगता है।
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